भरोसे की भैंस के पड़ा जनने वाले बुन्देली उलाहने में हाथ पर हाथ धरे बैठने के नुकसानों की पॉसिबिलिटी को अण्डर-लाइन करके दिखलाने से ज्यादा कुछ नहीं है। लेकिन, भैंस के पानी में जाने का भोपाली ताना पूरी की पूरी पूँजी के ही हाथ से फिसल जाने के दर्द को बयांन करता है। Continue reading
June 2012 archive
Jun 17 2012
कौन किसके आसरे?
पहले डेवलप्ड कण्ट्रीज़ ने हमें सिखाया कि बड़ों के जूठन के आसरे जीने के क्या फ़ायदे हैं? अब ’दार जी गुरु-दक्षिणा चुका रहे हैं। एश्योर कर रहे हैं कि देश-हित जाये भाड़ में, इतनी दुर्गत के बाद भी हम ‘आसरा-संस्कृति’ का दामन थामे रहेंगे। Continue reading
Jun 10 2012
गली-गली में शोर है
भैरयाना बोले तो, पॉलिटिकली बैंक-करप्ट होना। जैसे, बीजेपी एलाइन्स से बाहर जमीन की तलाश में जुटी जेडीयू। इसके बिहारी मन्त्री गिरिराज सिंह एक खास जाति के वोट-बैंक को जुगाड़ने के लिए कह बैठे कि रणवीर सेना का सरगना ब्रह्मेश्वर मुखिया जीवन के अन्तिम पल तक ‘गांधी-वादी’ रहा! Continue reading
Jun 10 2012
Abduction of Our Daughters : A Sindhi Saga
इण्डियन-अमेरिकन इण्टेलेक्चुअल फ़ोरम के अध्यक्ष नरेन कटारिया ((Narain Kataria – katariaN@aol.com)) ने पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा को बतलाने वाली एक दु:खद जानकारी अमेरिका से भेजी है। साम्प्रदायिक उन्माद से ओत-प्रोत ‘राष्ट्रों’ के ‘मानवाधिकार प्रेमी’ कुटिल मुखौटों को उघाड़ती यह जानकारी मूलत: पाकिस्तानी नागरिक विजू सिधवानी ((Viju Sidhwani – vijusidhwani@gmail.com)) का एक आलेख है। Continue reading
Jun 08 2012
तालिबान! तालिबान!!
अवसर और छूट मिले तो देशज ‘विद्वान’ देश को यह पाठ पढ़ाने को तत्पर हैं कि समूचे उत्तर भारत में कमोबेश सारे वर्ग और जाति के लोग परस्पर आक्रान्ता, शोषक और अल्पसंख्यक हैं। और सम्भवत: यह भी कि यही सारे लोग, परस्पर मिलकर, समूचे दक्षिण भारत को आक्रान्त करते रहे हैं। Continue reading
Jun 03 2012
सिखाया पूत : दरबार चढ़े भी, नहीं भी!
सचिन ने पहले अपने नॉमिनेशन को प्रपोज़ करने और फ़ाइनल करने वालों की अक़्ल का तमाशा बना दिया। फिर, आईपीएल में खेलने की खातिर, अपने देश की टीम में शामिल होने से मना करने वाले पीटरसन की आलोचना कर साबित किया कि एक न एक सिखाया पूत, आखिर-कार, दरबार चढ़ ही जाता है। Continue reading