धीरे-धीरे ही सही, सामूहिक समझ का दायरा व्यापक करते हुए किसी ठोस हल की ओर पूरी सामूहिकता के साथ कदम आगे बढ़ें क्योंकि खेतों के भविष्य पर छाया संकट केवल किसानों की नहीं अपितु समूचे राष्ट्र की आपदा है। एक बार यह समझ साफ हो जाये तो दिखलायी देने लगेगा कि खेतों के प्रति सरकारों का यथार्थ दायित्व क्या हो? और, समाज का भी। Continue reading
August 2014 archive
Aug 12 2014
Homoeopathy, Molecular Strain Theory, Mythology & Quantum theory
Out of all available scientific studies, quantum theory seems to have the potential to explain the intricacies involved with Hahnemannian Science. It may enable modern science to understand the mode through which the ‘Bio Prone’ media carries the ‘Drug Information’ in a true homoeopathic dose. Other schools of science lack the relevant tools.
Aug 04 2014
कृषक के हित साधने वाली हों कृषि-नीतियाँ
कृषि-प्रधान माने गये भारत के कृषक-चरित्र पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। भरण-पोषण के लिए मोहताजी को अग्रसर कृषक और भर-पेट खाद्य की सुलभता के प्रति चिन्तित आम नागरिक, दोनों ही, विचलित हैं। विचलित नहीं हैं तो केवल वे जो या तो सम्पन्नता-जनित आधुनिकता से अटे पड़े हैं या फिर नीति-निर्धारक होने के घमण्ड से चूर हैं। Continue reading
Aug 01 2014
कहीं डुबा न दे खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
अर्थशास्त्र की सहायक प्राध्यापिका डॉ० सुषमा तिवारी ने अपना एक आलेख हमें भेजा है। विषय-वस्तु की सर्व-कालीन सम-सामयिकता के कारण ही, २९-३० अक्टूबर २०१३ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सौजन्य में सीहोर में हुई राष्ट्रीय शोध-संगोष्ठी की रपट में प्रकाशित हो चुके इस आलेख को मैं (किंचित् सम्पादन के साथ) यहाँ स्थान दे रहा हूँ। Continue reading