दिवंगत् पूर्व राष्ट्रपति के पर्थिव शरीर के प्रति अपने सम्मान को प्रकट करने के लिए प्रधान मन्त्री मोदी विमान-तल समय से नहीं पहुँचे। और, सम्मान के उनके दिखावे की ऐसी इच्छा की पूर्ति के लिए इस महापुरुष के पर्थिव शरीर को, विमान से अपने उतारे जाने की, पर्याप्त प्रतीक्षा करनी पड़ी! Continue reading
July 2015 archive
Jul 13 2015
सूचना आयोग से पलट-सवाल
खबर है कि आयोग के एक फैसले में कहा गया है कि अधिकारियों को अधिनियम समझ नहीं है। ऐसे में एक पलट-सवाल करने की सूझी है — क्या आयोग के अपने ही अधिकारियों में अधिनियम की ठीक-ठीक समझ है? यह उलट-सवाल इसलिए कि मुझे, और आयोग की अन्तर्दशा से अच्छी तरह परिचितों को भी, इसके बारे में पर्याप्त आशंका है। Continue reading
Jul 08 2015
राज्य सूचना आयोग : लोक अदालत के नाम पर अधिनियम से ही जाल-साजी
लोक अदालत के नाम पर सूचना आयोग द्वारा केवल आवेदकों से ही नहीं बल्कि स्वयं सूचना का अधिकार अधिनियम से भी जाल-साजी की जा रही है। अधिनियम द्वारा निर्धारित सु-स्पष्ट वैधानिक प्रक्रिया को लोक अदालतों में नहीं, आयोग की नियमित अपीली सुनवाइयों के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है।
Jul 02 2015
यह कैसी लोक अदालत?
क्या यह सम्भव है कि दो पक्षों के बीच चल रहे किसी वैधानिक/न्यायिक विवाद की सुनवाई किसी लोक अदालत में उस स्थिति में भी पूरी कर ली जाये (और फैसला भी सुना दिया जाये) जब उस विवाद के अपीलकर्ता ने अपने प्रकरण की सुनवाई उस लोक अदालत में करने की सहमति दी ही नहीं हो? Continue reading